अगर आपके पोर्टफोलियो में अभी तक कोई एनर्जी स्टॉक नहीं है, तो सीमेंस एनर्जी इंडिया पर नजर डालने का समय आ गया है। ग्लोबल ब्रोकरेज जेफरीज ने इस स्टॉक को ‘BUY’ रेटिंग देकर 17% तक का अपसाइड दिखाया है। आइए, डिटेल में समझते हैं कि यह स्टॉक इन्वेस्टर्स की पसंद क्यों बन रहा है।

सीमेंस एनर्जी इंडिया
भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर और एनर्जी डिमांड तेजी से बढ़ रही है, और सीमेंस एनर्जी इंडिया इसका सबसे बड़ा फायदा उठा रहा है। कंपनी का मार्केट कैप ₹1.09 लाख करोड़ है, और इसका शेयर प्राइस ₹3,064.55 (2.12% अप) पर ट्रेड हो रहा है। जेफरीज ने इसका टारगेट प्राइस ₹3,500 फिक्स किया है, मतलब 17% तक का रिटर्न संभव है।
जेफरीज का लॉजिक क्या है?
- पावर केपेक्स साइकिल का फायदा: मोदी सरकार का फोकस रिन्यूएबल एनर्जी और पावर ट्रांसमिशन पर है। सीमेंस एनर्जी ट्रांसमिशन, जनरेशन और इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस में लीडर है।
- मार्जिन में सुधार: ऑपरेटिंग लेवरेज से 460 bps (4.6%) तक मार्जिन बढ़ने की उम्मीद है।
- ग्रोथ रॉकेट: रेवेन्यू 30% CAGR से और EPS 50% CAGR से ग्रो कर सकता है (FY24-FY27)।
फाइनेंशियल परफॉर्मेंस
क्वार्टर | रेवेन्यू (₹करोड़) | नेट प्रॉफिट (₹करोड़) |
---|---|---|
Q3 FY25 | 1,517 | 232 |
Q4 FY25 | 1,880 (+24%) | 246 (+6%) |
रेवेन्यू में 24% की जंप हुई, और प्रॉफिट भी 6% बढ़ा। लॉन्ग-टर्म ग्रोथ मजबूत लग रहा है।
ग्लोबल पीयर्स से कंपेयर करें तो?
सीमेंस एनर्जी इंडिया का मार्केट कैप ($12B) ग्लोबल जायंट्स जीई वर्नोवा ($7B) और हिताची एनर्जी ($10B) से भी ज्यादा है। भारत में इसके 8 मैन्युफैक्चरिंग प्लांट हैं, जो इसे पावर सेक्टर का किंग बना रहे हैं।
लिस्टिंग अपडेट
19 जून 2025 को सीमेंस एनर्जी इंडिया आधिकारिक तौर पर BSE और NSE पर लिस्ट हुआ है, सीमेंस लिमिटेड से डीमर्जर के बाद। अब यह एक इंडिपेंडेंट कंपनी की तरह अपनी ग्रोथ स्टोरी लिखेगा।
फाइनल वर्ड
शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स के लिए भी और लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर्स के लिए भी, यह स्टॉक एक अट्रैक्टिव पिक लगता है। यह न्यूज आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है। निवेश से पहले अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें।
Disclaimer: ऊपर दिए गए विचार और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों की हैं, न कि "Finance Ghar" की। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श करें। निवेश में जोखिम होता है और सही जानकारी के बिना निर्णय लेना हानिकारक हो सकता है।